SANATAN DHARAM SARASWATI SHISHU MANDIR INTER COLLEGE

Kanker Khera, MEERUT

Principal’s Message

 

विद्यालय कोई ईंट गारे की बनी इमारत नहीं है बल्कि एक जीता जागता छात्रों से सुसज्जित हरा भरा आंगन होता है। ”विद्यालय एक ऐसी संस्था है जहाँ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, प्राणिक, नैतिक एवं आध्यात्मिक गुणों का विकास होता है।” विद्यालय को ज्ञान का मन्दिर कहा जाता है। विद्यालय में हम जीवन का सबसे ज्यादा समय गुजारते है। जहाँ विषय ज्ञान के अतिरिक्त अन्य सभी प्रकार का ज्ञानार्जन कराया जाता है। विद्या भारती इस प्रकार की राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली का विकास करना चाहती है जिसके द्वारा ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण हो सके जो हिन्दुत्वनिष्ठ एवं राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत हो, शारीरिक, प्राणिक, मानसिक, बौद्धिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से पूर्ण विकसित हो तथा जो जीवन की वर्तमान चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक कर सके और उनका जीवन ग्रामों वनों गिरिकन्दराओं एवं झुग्गी-झोपड़ियों में निवास करने वाले दीन-दुखी आभावग्रस्त अपने बान्धवों को सामाजिक कुरीतियों शोषण एवं अन्याय से मुक्त कराकर राष्ट्र जीवन को समरस, सुसम्पन्न एवं सुसंस्कृत बनाने के लिए समर्पित हो।
विद्या भारती का यह लक्ष्य अपने आप में इतना स्पष्ट एवं सुविचारित है कि कुछ और कहना शेष नहीं रहता लक्ष्य साफ-साफ बताता है कि हमारे देष में विदेषी नहीं राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली हो जिससे हिन्दुत्वनिष्ठ युवा पीढ़ी निर्मित हो जो राष्ट्र के उत्थान हेतु समर्पित हो। मैं समझता हँू इससे बढ़कर व्यक्ति और राष्ट्र हित का विचार नहीं हो सकता। इसी लक्ष्य की पूर्ति में विद्या भारती प्रयत्नरत है और अपने प्रयत्नों में उसे सफलता भी मिल रही है। तभी ”सा विद्या या विमुक्तये“ वाक्य सार्थक होगा।

भारत माता की जय
महेश सिंह
प्रधानाचार्य
स0 ध0 स0 षि0 म0 इण्टर कॉलिज
कंकर खेड़ा मेरठ।